ट्रंप को नहीं डराएगा दिल्ली का प्रदूषण, हर मिनट का हाल बताएगी ये अमेरिकी मशीन
दिल्ली का प्रदूषण हमेशा चर्चा में बना रहता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान प्रदूषण की स्थिति क्या रहेगी, यह अभी से चर्चा का विषय बन चुका है। हालांकि बदले मौसम के कारण अधिकारियों ने प्रदूषण की स्थिति को लेकर राहत की सांस ली है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि यात्रा के दौरान प्रदूषण की स्थिति अपेक्षाकृत कंट्रोल में रहेगी।
 

इस समय हवा का बहाव काफी अच्छा हो गया है जिसके कारण धुएं के कण हवा के साथ बहकर दूर चले जा रहे हैं। गुरुवार-शुक्रवार की रात हल्की बारिश होने की वजह से भी प्रदूषण कम होने में सहायता मिली है। अगले कुछ दिनों में स्थिति इसी तरह बने रहने के आसार हैं। यही कारण है कि अमेरिकी राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान प्रदूषण बड़ी चिंता की वजह नहीं बन सकती है।

ट्रंप की यात्रा के दौरान यह होगा मौसम का हाल


अमेरिकी राष्ट्रपति दिल्ली में बहुत कम समय गुजारेंगे। उनकी यात्रा यानी 24 और 25 फरवरी को दिल्ली का प्रदूषण अपेक्षाकृत कम खराब रह सकता है। 24 फरवरी को दिल्ली का अधिकतम तापमान 26 डिग्री और न्यूनतम 13 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। इसी प्रकार 25 फरवरी को दिल्ली का अधिकतम तापमान 27 डिग्री और न्यूनतम 14 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। सोमवार को हवा का बहाव 7.4 किलोमीटर प्रतिघंटा और मंगलवार को 9.3 किलोमीटर प्रति घंटा रह सकता है।


इस समय क्या है प्रदूषण की स्थिति


शुक्रवार को भी दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति पहले से बेहतर है। आज दिल्ली के लोधी रोड में PM 2.5 का स्तर अधिकतम 186, जवाहरलाल नेहरु स्टेडियम में 197, शहादरा में 211, श्रीनिवासपुरी में 212 और मेजर ध्यानचंद्र नेशनल स्टेडियम पर 195 है।


पर्यावरण मंत्री ने किया निरीक्षण


लेकिन इसी बीच दिल्ली में वाशिंगटन से आई एक मशीन काम करने लगी है जो हर मिनट प्रदूषण की स्थिति बताने में सक्षम है। यही नहीं, मशीन यह भी बताने में सक्षम है कि अगर प्रदूषण बढ़ रहा है तो वह किन कारणों से बढ़ रहा है। प्रदूषण वाहनों के धुएं, पराली जलाने, फैक्ट्रियों से निकले धुएं, खराब हवा या किस अन्य कारणों से बढ़ रहा है, मशीन इसकी सटीक पहचान करने में भी सक्षम है। अमेरिकी राष्ट्रपति की दिल्ली की यात्रा के दौरान भी यह काम करेगी।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को दिल्ली के नेशनल स्टेडियम में वाशिंगटन विश्वविद्यालय के सहयोग से स्थापित एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग सेंटर का दौरा किया। मंत्री ने यह समझने की कोशिश की कि हवा में पीएम-10, पीएम-2.5 और पीएम-1 के बढ़ने-घटने की वजह क्या है। इस केंद्र से मार्च में आने वाली रिपोर्ट के आधार पर सरकार दिल्ली के प्रदूषण को कम करने के लिए जन आंदोलन चलाने की तैयारी कर रही है।

गोपाल राय के मुताबिक दिल्ली के हवा को लेकर बहुत अनावश्यक बातें कही जाती हैं। कुछ निश्चित दिनों के आंकड़ों के आधार पर दिल्ली की हवा को बेकार बताया जाता है। जबकि बाकी के दिनों में हवा का स्तर अच्छा रहता है। उसकी चर्चा नहीं की जाती है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली के वायु प्रदूषण को लेकर अभी तक तीन अध्ययन किए गए हैं। इनमें एक खास समय के आंकड़े लिए गए थे। उसके बाद एक अनुमान के आधार पर उसी को हर समय वायु गुणवत्ता के मूल्यांकन के रुप में थोपा जाता है। अब इस मशीन के जरिए दिल्ली के प्रदूषण की स्थिति के सही आंकड़े उपलब्ध हो सकेंगे। इससे यह भी स्पष्ट हो सकेगा कि प्रदूषण किन वजहों से बढ़ रहा है।

दिल्ली सरकार ने पिछले दिनों वाशिंगटन विश्वविद्यालय के साथ समझौता किया और समझौते के मुताबिक वैज्ञानिक यहां एक साल से अध्ययन कर रहे हैं। नई मशीनें रीयल टाइम डाटा एकत्र करने में सक्षम हैं।